क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Saturday, 9 February 2013
रोटी बोलती है
हाँ
भूख,
भी प्रेम का,
पर्यायवाची है ...
और
मूक,
भी प्रेम का,
समानार्थी है ....
अच्छा,
सच सच बताना,
क्या रोटी से आपने कहा है,
कि आपको रोटी से बहुत प्रेम है,
या आप रोटी के बिना जी ही नहीं सकते......
या क्या रोटी,
आपसे कभी कुछ बोलती है ??
~अज़ीम
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