ओ गाँधी,
तुम्हारे जाने के बाद भी .....
हमने जिन्दा तो रखा है तुम्हे ....
वैष्णव जन गा के मौत पर ,
सौ से हजार के नोट पर ..
लटका के स्कूल की दीवार में ,
चिपका के नेता जी की कार में ..
टोपी से, चुनाव के हर भाषण से ,
खादी से, चरखे से, मुफ्त राशन से..
पार्क के, सड़क के, योजना के नाम तक ,
रामराज्य तक, दायें तक, वाम तक ..
ओ गाँधी,
हम गोड़से को हत्यारा पुकारते है....
और फिर रोज गांधी को मारते है ..
#अमितेष
तुम्हारे जाने के बाद भी .....
हमने जिन्दा तो रखा है तुम्हे ....
वैष्णव जन गा के मौत पर ,
सौ से हजार के नोट पर ..
लटका के स्कूल की दीवार में ,
चिपका के नेता जी की कार में ..
टोपी से, चुनाव के हर भाषण से ,
खादी से, चरखे से, मुफ्त राशन से..
पार्क के, सड़क के, योजना के नाम तक ,
रामराज्य तक, दायें तक, वाम तक ..
ओ गाँधी,
हम गोड़से को हत्यारा पुकारते है....
और फिर रोज गांधी को मारते है ..
#अमितेष