क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Tuesday, 6 December 2011
समुन्दर ....
उनमुक्त
शक्तिशाली
अडिग
प्रभावी
मै भी
समुन्दर की
तरहा बहना चाहता हू
हमेशा
आजाद रहना चाहता हू...
~अज़ीम
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