क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Monday, 12 December 2011
अन्धविश्वासों और अनुकरण....
अन्धविश्वासों का अनुकरण या
अनुकरण का अन्धविश्वास
घातक परम्पराओं का,
विस्तार करता है
यही वो कृत है जो,
समाज का बंटा धार करता है.........
~अज़ीम
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