क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Thursday, 8 December 2011
चाँद का अहसास......
तुम
मुझसे
छत पर आकर
भी मिला करो ......
चाँद के पास होने का
अहसास होता है ...
~अज़ीम
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