घोटालों के ,जातिवाद के
नेताओं के बाद-विवाद के
संसद में हो रहे बर्ताव के
आपस में ही टकराव के
बलात्कार के, भ्रष्ट्राचार के
जनता से लुट मार के
हत्या के, बाबाल के
बात बात पर हडताल के
बम्ब के, कत्लेआम के
महगाई के,बड रहे दाम के
आमिरो के संरक्षण के
जमीनों के भक्षण के
आतंकवाद के, अलगाव के
सीमा पर बड रहे तनाव के
ऐसे भूकंप तो देश में रोज ही आते है
क्या रिक्टर पैमाने पर ये भी नापे जाते है ..
~अज़ीम
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