मन से, वचन से, काय से
परचेष्टा से ,
स्वचेष्टा से,
मेरे किसी भाव से,
समय के प्रभाव से,
हास्य से,
व्यंग्य से,
जानते हुए,
न जानते हुए,
मुझ से,
आपके प्रीति
कोई न कोई
भूल तो हो गयी होगी ........
आप साहसी है
सक्षम है
कर्म से , ज्ञान से खड़े है
में अज्ञानी हू , आप बड़े है
मेरी बुराईयों को जानते हुए
मुझे अपना मानते हुए
आशा करता हू
मुझे क्षमा कर देगे..
में आज
आत्मगिलानी से भरा हु
हाथ जोड़ कर खड़ा हु
उत्तमक्षमा......
~अज़ीम
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