तुम्हारी भी दुनिया दुश्मन,
और मेरी भी ...
तुम्हे भी खुद से महोब्बत,
और मुझे भी ...
तुम भी सब कुछ पाना चाहो,
और मैं भी ...
तुम्हारी भी जिन्दगी सुनी,
और मेरी भी ...
हम दोनों की कहानी कितनी,
मिलती जुलती है,
है न........
असल में ..
तुम्हारी भी कहानी अधूरी,
और मेरी भी ....
~अज़ीम
No comments:
Post a Comment