क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Sunday 22 April 2012
अपाहरण...
अब
सीख गया हूँ
मै खुद का अपाहरण करना
अब तकलीफ थोड़ी कम होती है
~अज़ीम
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