क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Sunday 13 May 2012
माँ...... मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ........
माँ
सुनों
मैं कह नहीं पाया
मैं कहना चाहता था
पर जब भी
कोशिश की
तुम्हारी आखों में
मेरे लिये ज्यादा प्यार पाया .......
(माँ...... मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ )
~अज़ीम
1 comment:
sushila
13 May 2012 at 17:15
सुंदर भाव लिए सुंदर प्रस्तुत।
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सुंदर भाव लिए सुंदर प्रस्तुत।
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