Saturday 5 May 2012

मैं ........


दी हो तुम्हे,
तकलीफ......
यदि मेरे मैं ने,
तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ,
अब मुझे,
माफ कर दो.....
पर मैं जानता हूँ,
ऐसा नहीं होगा ..
क्यूँ कि,
एक मैं,
रहता है,
तुम में भी......
~अज़ीम 

1 comment:

  1. "क्यूँ कि,
    एक मैं,
    रहता है,
    तुम में भी..."
    बहुत बढ़िया!

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