मेरी असफलताओं पर
सहना पड़ा
आकाश का अट्टहास
पवन के ताने
पहाड़ की गालियाँ
नदियों से बुराई
रंगों से तन्हाई
सवेरो से बैर
शाम से दुश्वारियां
जिन्दगी से लड़ाई
एक धरती ही थी
जिसके आंचल में
मैं सिर रख कर रोया
वह सफलता पर खिलखिलाई
मैंने माँ को कभी नहीं खोया
~अज़ीम
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