क्षणिकाएं:अमितेष जैन
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साहित्य शिवपुरी
Saturday 26 May 2012
उन्होंने कहा...
उन्होंने कहा...
वे मुझे सुनना चाहते है
फिर
मैंने कुछ सुना दिया
फिर
फिर क्या???
वे मुझे पढ़ चुके थे .......
~अज़ीम
1 comment:
Suresh kumar
27 May 2012 at 03:01
बिलकुल पढ़ रहे हैं भाई .....
वर्ड वेरिफिकेसन हटा दे तो टिप्पणी करने वाले को आसानी होगी
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बिलकुल पढ़ रहे हैं भाई .....
ReplyDeleteवर्ड वेरिफिकेसन हटा दे तो टिप्पणी करने वाले को आसानी होगी